मुंबई: मुंबई के कुर्ला इलाके में सोमवार देर रात इमारत ढह गई. उसके मलबे में दबने से मंगलवार शाम तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई, जबकि 14 लोग घायल हो गए. नगर निगम के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. आधी रात से नाइक नगर सोसाइटी स्थित इमारत के मलबे से बचाए गए 32 लोगों में से 18 को अस्पतालों में मृत घोषित कर दिया गया.Also Read - महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच राज्यपाल कोश्यारी से मिले फडणवीस, कहा- उद्धव सरकार ने खोया बहुमत; फ्लोर टेस्ट की मांगवहीं इस घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुःख जताते हुए, मृतकों के परिवारों की सहायता राशि के निर्देश भी दी हैं. Also Read - मुंबई के पास अरब सागर में हुए ONGC हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग में 4 की मौत, पांच बचाए गएअधिकारियों ने बताया कि पांच लोग अस्पताल में भर्ती हैं और 9 अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. शाम को अस्पताल में बिरजू मांझी (21), राहुल मांझी (23), पप्पू मांझी (35) और महेश मांझी (40) को मृत घोषित कर दिया गया. Also Read - पीएम मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के बाद यूएई पहुंचे, पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा को श्रद्धांजलि देंगेराष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों ने घटना के लगभग 18 घंटे बाद मलबे के नीचे से दो कबूतरों को जीवित बचाया. अधिकारियों ने बताया कि तलाश एवं बचाव अभियान अभी भी जारी है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में एक इमारत के ढह जाने से हुई मौतों पर मंगलवार को शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक ट्वीट के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है. पीएमओ के मुताबिक हादसे में घायल प्रत्येक व्यक्ति को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.मुंबई के कुर्ला इलाके में सोमवार देर रात इमारत ढह गई. उसके मलबे में दबने से मंगलवार शाम तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई, जबकि 14 लोग घायल हो गए. आधी रात से नाइक नगर सोसाइटी स्थित इमारत के मलबे से बचाए गए 32 लोगों में से 19 को अस्पतालों में मृत घोषित कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि पांच लोग अस्पताल में भर्ती हैं और नौ अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई.महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को उपनगर कुर्ला में एक इमारत गिरने से मारे गए लोगों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई. बयान में कहा गया है कि घायलों के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.मुख्यमंत्री ने मृतको
मुंबई. मुंबई (Mumbai) के कुर्ला इलाके में सोमवार देर रात 4 मंजिला आवासीय इमारत ढहने से अब तक 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 अन्य लोगों को बाहर निकाला जा चुका है. ये सभी उस इमारत के मलबे में दबे हुए थे. राहत और बचाव कार्य जारी है. मौके पर प्रशासन के अधिकारी, पुलिस अधिकारी समेत अन्य मौजूद हैं. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कुर्ला की नाइक नगर सोसायटी में स्थित आवासीय इमारत का एक ‘विंग’ सोमवार देर रात ढह गया था. उसके नजदीक स्थित दूसरे ‘विंग’ के गिरने की आशंका भी बनी हुई है.बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने बताया कि मामूली रूप से घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है. इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 23 लोगों को बचा लिया गया है. घायलों को घाटकोपर तथा सायन के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. चहल ने कहा, मैंने दमकल विभाग और एनडीआरएफ से सावधानी से (खोज एवं बचाव) अभियान चलाने का आह्वान किया है, क्योंकि मलबे के नीचे अब भी कुछ और जिंदा लोग हो सकते हैं.इमारत को नोटिस जारी कर चुकी थी बीएमसी अतिरिक्त नगर आयुक्त अश्विनी भिड़े ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2013 से कई बार इस इमारत की मरम्मत कराने के लिए, फिर उसे खाली करने और गिराने के लिए नोटिस जारी किए थे. एनडीआरएफ के कमांडेंट अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि उनके दो दल खोज एवं बचाव कार्य में जुटे हैं. नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि ढह गए ‘विंग’ के नजदीक स्थित एक अन्य ‘विंग’ के गिरने की आशंका भी बनी हुई है और वहां से लोगों को निकाल लिया गया है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: BMC, Building collapsed news, Mumbai
मुंबई. मुंबई में सोमवार देर रात चार मंजिला आवासीय इमारत ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कुर्ला की नाइक नगर सोसायटी में स्थित आवासीय इमारत का एक ‘विंग’ सोमवार देर रात ढह गया. उसके नजदीक स्थित दूसरे ‘विंग’ के गिरने की आशंका भी बनी हुई है. उन्होंने बताया कि घायलों को घाटकोपर तथा सायन के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया हे. बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने बताया कि तीन लोगों की मौत हो गई है और चार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि नौ अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार देने के बाद छुट्टी दे दी गई.चहल ने बताया कि दमकल विभाग के अनुसार, इमारत के मलबे में सात-आठ लोग ही फंसे हुए थे, जबकि पुलिस को संदेह है कि मलबे के नीचे और लोग हो सकते हैं. चहल ने कहा, ‘‘ मैंने दमकल विभाग और एनडीआरएफ से सावधानी से (खोज एवं बचाव) अभियान चलाने का आह्वान किया है, क्योंकि मलबे के नीचे अब भी कुछ और जिंदा लोग हो सकते हैं.’’ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक दल ने मलबे में फंसी एक महिला को जिंदा बाहर निकाला है.अधिकारी ने बताया कि दमकल कर्मी मलबे में फंसे अन्य लोगों की तलाश के लिए बचाव एवं तलाश अभियान चला रहे हैं. उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद दमकल कर्मियों के मौके पर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उन्हें मलबे में 20 से 22 लोगों के फंसे होने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दमकल की करीब 12 गाड़ियों के अलावा, दो बचाव वैन मौके पर तैनात है. दमकल विभाग और एनडीआरएफ के दल नगर निकाय के कर्मचारियों और पुलिस के साथ घटनास्थल पर खोज एवं बचाव अभियान को अंजाम दे रहे हैं.एनडीआरएफ के कमांडेंट अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि उनके दो दल खोज एवं बचाव कार्य में जुटे हैं. नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि ढह गए ‘विंग’ के नजदीक स्थित एक अन्य ‘विंग’ के गिरने की आशंका भी बनी हुई है और वहां से लोगों को निकाल लिया गया है. अतिरिक्त नगर आयुक्त अश्विनी भिड़े ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2013 से कई बार इस इमारत की मरम्मत कराने के लिए, फिर उसे खाली करने और गिराने के लिए नोटिस जारी किए.खोज एवं बचाव अभियान का मुआयना करने मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी ने कहा, ‘‘ यहां तक कि नियमों का पालन ना करने वालों के खिलाफ मुकदमा भी शुरू किया गया. बाद में, इमारत में रहने वाले लोगों ने संरचनात्मक ‘ऑडिट’ फिर से करवाया और भवन को मरम्मत करने के लायक होने की श्रेणी में डाला गया, लेकिन मरम्मत नहीं कराई गई.’’ भिड़े ने बताया कि बीएमसी द्वारा इमारत खाली करने की लगातार कोशिशों के बावजूद लोग वहां रहते रहे। इमारत के निवासियों ने एक हलफनामा दिया था कि वे अपने जोखिम पर वहां रहेंगे. महाराष्ट्र के पर्यावरण एवं पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी घटनास्थल का दौरा किया और खोज एवं बचाव अभियान की समीक्षा की.इस महीने महानगर में इमारत गिरने की यह तीसरी बड़ी घटना है. 23 जून को चेंबूर इलाके में दो मंजिला औद्योगिक ढांचे का एक हिस्सा गिरने से 22 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हुए थे. नौ जून को उपनगरीय बांद्रा में तीन मंजिला आवासीय इमारत गिर गई थी, जिसमें 55 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 18 अन्य लोग घायल हुए थे.Four-storey building collapse in Kurla, Mumbai | 1 more rescued alive. Rescue operation on. No confirmation on how many people still trapped, says Ashish Kumar, NDRF Dy CommandantAs per BMC’s last night data, 7 people were rescued with 20-25 likely to be trapped under debris pic.twitter.com/uLfj84wiOd— ANI (@ANI) June 28, 2022न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक घटनास्थल पर 12 दमकल की गाड़ियां, दो रेस्क्यू वैन और 6 एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची. इसके अलावा 5 जेसीबी भी भेजी गई. सोमवार की रात को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि बीएमसी के दिये गए नोटिस के आधार पर इस तरह के मकान को तुरंत खाली करना चाहिए. जब भी बीएमसी नोटिस जारी करे. अपने आप बिल्डिंग खाली कर देनी चाहिए. अन्यथा इस तरह के हादसे होते रहेंगे, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. कुर्ला इमारत हादसे के बाद आस-पास की जर्जर इमारतों को भी बीएमसी ने खाली करा दिया है. जो इमारत गिरी है, उसके बगल में दो जर्जर इमारतें हैं, उनमें एक-दो परिवार अभी भी रह रहा था. उन्हें भी हटाया गया है. इन दोनों इमारतों को दस्तावेज पूरा करने के बाद बीएमसी ने तोड़ने का फैसला किया है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Maharashtra News: मुंबई के कुर्ला में चार मंजिला बिल्डिंग गिरने से कई लोग मलबे में दब गए हैं. हादसा नाइक नगर इलाके में हुआ. ताजा जानकारी के अनुसार, मलबे में दबे एक शख्स की मौत हो गई है. बीएमसी की अतिरिक्त आयुक्त अश्विनी भिड़े ने बताया कि बिल्डिंग रात में गिरी थी. 12 लोगों को बचा लिया गया और 1 को मृत घोषित कर दिया गया है, कुछ लोग अभी भी फंसे हुए हैं. इमारत जर्जर हो चुकी थी. घायलों की हालत स्थिर है, 20 से 25 लोगों की मलबे में दबे होने की अभी भी संभावना है. एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर आशीष सिंह ने बताया कि अभी भी राहत बचाव कार्य जारी है. इमारत की मंजिल एक के ऊपर एक आकार में गिरने के कारण भीतर जाने में समय लग रहा है.Also Read - मुंबई के पास ONGC का हेलिकॉप्टर क्रैश, अब तक 6 लोगों को बचाया गयामहाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने बताया कि अभी तक 5-7 लोगों को निकाला गया है उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. बिल्डिंग को खाली करने का नोटिस दिया गया था लेकिन कई लोग अभी भी वहां रहते हैं. बीएमसी की प्राथमिकता है कि इमारत को खाली कराया जाए और बिल्डिंग को तोड़ा जाए. Also Read - पालोंजी मिस्त्री का निधन : जानिए देश को शुद्ध पानी पीना सिखाने वाले उद्योगपति के बारे में सबकुछD wing of the Naik Nagar Society collapsed last night. 12 people were rescued & 1 declared dead. Some people are still trapped. The building has been dilapidated & since 2013 notices were given to first repair and then demolish the building: Ashwini Bhide, Addn Commissioner, BMC pic.twitter.com/BJjWdm1cBl— ANI (@ANI) June 28, 2022 Also Read - मुंबई में गिरी 4 मंजिला इमारत, मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका | Watch Videoबीएमसी के अधिकारियों के अनुसार, मलबे में दबे आठ लोगों को बचाया गया है. जबकि अभी और कुछ लोग दबे हो सकते हैं. फिलहाल एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें बचाव कर्य में जुटी हुई हैं.
मुंबई में एक चार मंजिला बिल्डिंग गिर गई. मलबे में कई लोगों के दबे होने की संभावना है. ये हादसा कुर्ला के नाइक नगर में हुआ है. मौके पर दमकल की टीम और पुलिस पहुंच गई है. राहत और बचाव अभियान जारी है.मुंबई के कुर्ला के नाइक नगर में 4 मंजिला इमारत गिर गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मलबे में 20-25 लोगों के दबे होने की संभावना है. मौके पर दमकल की टीम और पुलिस मौजूद है. रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 5 लोगों को निकाल लिया गया है. Kurla, Mumbai | A 4-storey building collapses in Naik Nagar. Fire brigade team, police at the spot as rescue operation continuesAs per BMC, 7 people rescued from under debris are in stable condition; 20 to 25 likely to be trapped under the debris. Rescue operation on pic.twitter.com/M9stC1eFh6मलबे से 5 लोगों को निकाला गयामहाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने बताया कि मलबे से 5 लोगों को निकाल लिया गया हैऔर इन्हें अस्पताल ले जाया गया है. चारों बिल्डिंग को बीएमसी की ओर से नोटिस दिया गया था. फिर भी कुछ लोग वहां रह रहे थे. पहले प्रॉयरिटी है कि सभी लोगों को निकालें. मंगलवार की सुबह मिलकर लोगों को खाली कराएंगे और डिमोलिस कराएंगे. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जब भी बीएमसी नोटिस दे तो जल्दी से खाली कर देना चाहिए, ताकि ऐसी घटना न हो.
प्रज्ञा कौशिकनई दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra) में मचे सियासी घमासान में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnawis) के हर कदम पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं तो एक ऐसा भी राजनेता है जो फिलहाल लाइमलाइट से दूर रहने में कामयाब रहा था. वह चेहरा है एनसीपी के अजीत पवार (Ajit Pawar), लेकिन अब इसी नाम की सबसे अधिक चर्चा हो रही है.लोगों का कहना है कि अगर महाराष्ट्र में भाजपा सरकार बनाने में सफल रही तो फिर अजीत पवार का क्या होगा? महाराष्ट्र में राजनेता, पूर्व मंत्री और आम नागरिकों में इस बात की बड़ी उत्सुकता है कि अजीत पवार क्या कर रहे हैं और आने वाले समय में उनकी क्या भूमिका होगी? महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के नेता और मंत्री, विधान परिषद चुनावों में क्रॉस-वोटिंग के तुरंत बाद महाराष्ट्र में फैली राजनीतिक गड़बड़ी में उनकी भूमिका का उत्सुकता से विश्लेषण कर रहे हैं.अजीत पवार हुए थे दो घंटे के लिए लापता महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ नेता और मंत्री ने कहा कि बेहतर होगा कि अजीत पवार पर नजर रखें. इस राजनीतिक संकट के बीच अपनी सुरक्षा को छोड़कर वह दो घंटे के लिए लापता थे. दरअसल अजीत पवार ने 2019 में शपथ लेने के कुछ घंटों के भीतर ही समर्थन वापस लेकर फडणवीस सरकार को गिरा दिया था. इस घटना के बाद से लोगों का सोचना है कि अगर बीजेपी सरकार बनाती है तो अजीत पवार का क्या होगा?अजीत पवार ने भाजपा की मदद की थी, उनका कुछ नहीं होगाएक नेता का दावा है कि अजीत पवार ने भाजपा की मदद की थी. क्रॉस-वोटिंग करने और सरकार को अस्थिर करने में भी अजीत पवार की भूमिका रही है, ऐसे में भाजपा उनको कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी.सबने हमसे संपर्क किया, हमें तय करना था कि आगे कैसे बढ़ना हैभाजपा के एक नेता ने कहा कि सबने हमसे संपर्क किया और इस घटनाक्रम को लेकर हमें तय करना था कि आगे कैसे बढ़ना है? पार्टी जो भी करेगी, उसको लेकर मंथन किया गया है और अन्य लोगों से भी हमारा संपर्क था. हालांकि इस मामले में कि क्या वह बीजेपी के संपर्क में थे? अजीत पवार या उनके कार्यालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Ajit Pawar, CM Uddhav Thackeray, Maharashtra
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. सिर्फ बागियों का विरोध नहीं है, बल्कि आंकड़े भी उनसे दूर जाते दिख रहे हैं. वर्तमान परिस्थिति में महा विकास अघाडी अल्पमत में चल रही है. शिंदे गुट 40 विधायकों के समर्थन का दावा भी कर चुका है, ऐसे में अब आंकड़ों का ये खेल समझना जरूरी हो गया है. किसकी सरकार जाने वाली है, आने वाले दिनों में क्या हो सकता है, ये सब आंकड़ों में छिपा है.2019 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उसके बाद महाराष्ट्र मेंउद्धव के साथ कुल 169 विधायक थे. तबशिवसेना के56,एनसीपी के53, कांग्रेस के 44,बहुजन विघास अघाड़ी के 3, एसपी के 2 और अन्य के खाते में 11. वहीं बीजेपी की बात करें तो उस समय उनके खाते में कुल 113 विधायक थे. उसमें बीजेपी के अकेले106 विधायक रहे और उन्हें7 अन्य का समर्थन मिला.लेकिन अब सबसे पहले ये नंबर गेम इसी साल 10 जून को बदल गया जब राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार ने जीत हासिल कर ली. उस जीत के बाद बीजेपी को सीधा फायदा पहुंचा और उनका विधानसभा में आंकड़ा 113 से 123 पर पहुंच गया. इसके बाद20 जून को महाराष्ट्र में एमएलसी केचुनाव होते हैं और क्रॉस वोटिंग की वजह से बीजेपी का पांचवा उम्मीदवार जीत दर्ज कर लेता है. उस जीत के बाद बीजेपी के आंकड़े में फिर इजाफा होता है और उन्हें134 विधायकों का का समर्थन हासिल हो जाता है.अब इन तमाम झटकों के बाद ही एकनाथ शिंदे अपना खेल करते हैं जो सीधे-सीधे महा विकास अघाडी सरकार को अल्पमत में ले आते हैं. उस बगावत के बाद महाराष्ट्र की सियासी तस्वीर पूरी तरह बदल जाती है. अभी इस समय शिवसेना के पास16 विधायक रह गए हैं,एनसीपी के53, कांग्रेस के 44 और अन्य के पास 12. ऐसे में उद्धव खेमे के पास सिर्फ 125 विधायकों का समर्थन है.वहीं बात अगर बीजेपी की करें तो वे बहुमत हासिल करने की स्थिति में आ सकते हैं. अगर शिंदे गुट उनका समर्थन कर देते हैं, तब बीजेपी के पास कुल विधायकों की संख्या162 पहुंच जाएंगी जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है.
महाराष्ट्र संकट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर बागियों को मनाने का प्रयास किया है. उनकी तरफ से एक भावुक संदेश जारी किया गया है. उस संदेश में उद्धव कह रहे हैं कि बातचीत के जरिए समाधान निकाला जा सकता है. विधायकों को सिर्फ उनसे बात करने की जरूरत है.संदेश में वे कहते हैं किपरिवार के मुखिया के नाते मुझे आप लोगों की चिंता है. आप लोगों को कुछ दिनों से कैद करके गुवाहाटी में रखा गया है. आप लोगों के बारे में रोज नई जानकारी मेरे सामने आती है. आप में से कई मेरे संपर्क में हैं. आप लोग दिल से अभी भी शिवसेना के साथ हैं.उद्धव ने आगे कहा कि मुखिया के नाते में यह ही कह सकता हूं कि अभी बहुत देर नहीं हुई है. आप लोग मुंबई आकर मेरे सामने बैठें और शंकाओं को दूर करें. हम लोग एकसाथ बैठक जरूर कोई रास्ता निकाल लेंगे. आगे कहा गया है कि शिवसेना ने जो आदर सम्मान आपको दिया है वह कहीं और नहीं मिलेगा.इससे पहले भी उद्धव ठाकरे ऐसे ही भावुक अंदाज में बागियों से अपील कर चुके हैं. शुरुआत में उनकी एकनाथ शिंदे से भी बात हुई थी. लेकिन तब शिंदे की तरफ से साफ कर दिया गया था कि बातचीत का समय खत्म हो चुका है और अब कुछ नहीं हो सकता. अभी के लिए राज्य में स्थिति महा विकास अघाडी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. आंकड़ों के लिहाज से सरकार अल्पमत में है.अभी तक शिंदे गुट की तरफ से कोई बड़ी पहल नहीं की गई है. अटकलें जरूर हैं कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की मुलाकात हो सकती है. कहा तो ये भी जा रहा है कि शिंदे दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से भी बात कर सकते हैं. ऐसे में सियासी हलचल तेज है, आने वाले दिनों में कोई बड़ा नाटकीय मोड़ देखने को मिल सकता है.वैसे एक खबर तो ऐसी भी सामने आई कि सीएम उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार बचाने के लिए देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात की. लेकिन इस कयास पर ज्यादा चर्चा हो पाती, उससे पहले हीशिवसेना के जनसंपर्क प्रमुख हर्शल प्रधान ने अटकलों पर विराम लगा दिया. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे की तरफ से फडणवीस से सरकार बचाने के लिए कोई बात नहीं की गई है.वर्तमान स्थिति की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बागी विधायकों को बड़ी राहत दी गई है. सोमवार को दिए फैसले में कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के उस नोटिस पर रोक लगा दी थी जहां पर बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की बात थी. अभी 11 जुलाई तक उनको वक्त दे दिया गया है. अब इस बीच शिंदे गुट का अगला कदम क्या रहता है, वे सरकार बनाने की कोशिश करते हैं या फिर पूरी शिवसेना पर अपना कब्जे करने का प्रयास, इस पर सभी की नजर रहने वाली है.
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट (Maharashtra Political Crisis) के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मंगलवार को एक बार फिर शिंदे गुट (Eknath Shinde) के बागी विधायकों से भावुक अपील की. ठाकरे के एक सहयोगी ने मुख्यमंत्री के बयान का हवाला देते हुए बताया, ‘अभी बहुत देर नहीं हुई है. मैं आपसे अपील करता हूं कि आप वापस आएं और मेरे साथ बात करें. ठाकरे ने कहा, ‘अगर आप वापस आते हैं और मुझसे बात करते हैं तो कोई रास्ता निकलेगा. पार्टी अध्यक्ष और परिवार के प्रमुख के रूप में मुझे अब भी आपकी परवाह है.’Also Read - एमवीए के अल्पमत में होने की घोषणा का इंतजार है बीजेपी को: सुधीर मुनगंटीवारशिव सैनिक विधायक भाइयों और बहनों, जय महाराष्ट्र! Also Read - एकनाथ शिंदे पर लगे गद्दार होने का आरोप। Watch Videoआप पिछले कुछ दिनों से गुवाहाटी में फंसे हुए हैं. आपके बारे में रोज नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं, आप में से कई लोग संपर्क में भी हैं. आप अभी भी दिल से शिवसेना में हैं. आप में से कुछ विधायकों के परिवार के सदस्यों ने भी मुझसे संपर्क किया है और मुझे अपनी भावनाओं से अवगत कराया है. Also Read - ED ने स्वीकारी संजय राउत की गुजारिश, पूछताछ के लिए अब एक जुलाई को किया तलबशिवसेना के परिवार के मुखिया के रूप में मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं. भ्रम से छुटकारा पाएं, इसका एक निश्चित रास्ता होगा, हम बैठेंगे एक साथ और इससे बाहर निकलने का रास्ता खोजें. किसी के गलत कामों के झांसे में न आएं, शिवसेना द्वारा दिया गया सम्मान कहीं नहीं मिल सकता, आगे आकर बोलेंगे तो मार्ग प्रशस्त होगा. शिवसेना पार्टी प्रमुख और परिवार के मुखिया के रूप में, मुझे अभी भी आपकी चिंता है.सादरउद्धव बालासाहेब ठाकरेमहाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंगलवार को राजधानी दिल्ली पहुंच गए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे.महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट का सामना कर रही है क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उसके कई विधायकों ने विद्रोह कर दिया है और वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. फडणवीस का दिल्ली दौरा ऐसे समय में हुआ है जब बागी नेता शिंदे ने दावा किया कि गुवाहाटी में उनके साथ 50 विधायक हैं और वे स्वेच्छा से तथा ‘हिंदुत्व’ की राजनीति को आगे ले जाने के लिए यहां पहुंचे हैं.(इनपुट: भाषा)
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी भूचाल आया हुआ है. विधायक एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना और सीएम उद्धव ठाकरे के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए है. मुख्यमंत्री ने सीएम आवास भी छोड़ दिया है. पार्टी विधायकों के बगावत के बाद से उठे राजनीतिक कलह के बीच न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एकनाथ शिंदे समूह आगे की कार्ययोजना के लिए आज दोपहर बैठक करेगा. साथ ही इस बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है.वहीं राजनीतिक गतिरोध के बीच बयानबाजी भी खूब जारी है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि आदित्य ठाकरे ने कहा कि ये पूरी साजिश उस वक्त रची गई जब सीएम उद्धव ठाकरे कोरोने का चलते बीमार थे. उन्होंने कहा, ‘जो भी वापस आना चाहता है, हमारे दरवाजे खुले हैं. अगर विद्रोह करने वाले सचमुच साहसी हैं, तो इस्तीफा दें और हमारे सामने खड़े होने का साहस रखें. फ्लोर टेस्ट से पहले, उन्हें नैतिकता की परीक्षा देनी चाहिए. आइए जानते हैं महाराष्ट्र की राजनीति के 10 बड़े अपडेट्स…ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Eknath Shinde, Maharashtra
महाराष्ट्र की राजनीति में जारी उठापटक के बीच कुछ सवाल लगातार अपनी जगह पर बने हुए हैं, जिनमें से एक यह है कि क्या कारण है जो महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर का पद पिछले करीब 9 महीने से खाली है? अगर संवैधानिक व्यवस्था के तहत इस सवाल का जवाब खंगाले तो यह संकेत मिलेंगे कि उद्धव को शायद इस बगावती स्थिति का आभास था, क्योंकि ऐसी स्थिति में स्पीकर शिंदे गुट के साथ होते तो उद्धव को इस्तीफा देना पड़ सकता था. शायद इसीलिए शिंदे गुट डिप्टी स्पीकर को हटाना चाहते हैं.Also Read - Maharashtra Political Crisis: 'बागियों को मु्ंबई एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं देंगे', उद्धव ठाकरे के मंत्री ने धमकीआपकी जानकारी के लिए बता दें कि NCP के विधायर नरहरि जिरवाल इन दिनों डिप्टी स्पीकर का काम देख रहे हैं. शिंदे गुट ने 24 जून को डिप्टी स्पीकर को पद से हटाने का नोटिस दिया था. इससे ठीक एक दिन पहले शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर को 12 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की याचिका दी थी. यानी कि शिंदे गुट फिलहाल जिरवाल को डिप्टी स्पीकर की कुर्सी से हटाकर उनसे स्पीकर की ताकत छीनना चाहता है. Also Read - Maharashtra Political Crisis: संजय राउत का फिर भड़का गुस्सा-'जहालत' एक किस्म की मौत है और जाहिल लोग चलती-फिरती लाशेंडिप्टी स्पीकर को हटाने के लिए शिंदे गुट को महाराष्ट्र विधानसभा के 144 विधायकों का समर्थन चाहिए. अगर नंबरों की गणित को समझें तो अगर शिंदे और बीजेपी साथ आ जाएं तो इस आंकड़े को पार कर सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो डिप्टी स्पीकर की कुर्सी जानी तय है. ऐसी स्थिति में उद्धव को भी इस्तीफा देना पड़ सकता है. Also Read - Maharashtra Political Crisis LIVE Update: शिंदे बोले - हम लोग शिवसेना में हैं और बाल ठाकरे की राह पर चल रहे हैं, जल्द ही मुंबई जाएंगेसाफ है कि अगर डिप्टी स्पीकर हटेंगे को शिंदे गुट अपना या फिर अपने समर्थक दल के विधायक को विधानसभा का स्पीकर बना दिया जाएगा. अगर उद्धव इस्तीफा नहीं देते हैं तो शिंदे अविश्वास प्रस्ताव की सिफारिश करेंगे, अपना स्पीकर होने से शिंदे गुट दलबदल की कार्रवाई से बचने के साथ-साथ अविश्वास प्रस्ताव भी आसानी से पारित करवा सकेंगे.
नई दिल्ली. महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मंगलवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की. फडणवीस की भाजपा आलाकमान से यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में घिरी है क्योंकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उसके कई विधायकों ने विद्रोह कर दिया है और वे वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं.महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने करीब डेढ़ घंटे तक गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान वहां वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी भी मौजूद थे. कानूनी पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री को सिलसिलेवार तरीके से यह बताया गया कि राज्य में राजनीतिक हालात को देखते हुए क्या-क्या कानूनी विकल्प हैं. इसके अलावा बागी विधायकों को मिले अयोग्यता नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट में जो सुनवाई होनी है उस पर संबंधित पक्षों को क्या रुख लेना है… इस बात को लेकर भी गृहमंत्री के सामने चर्चा हुई.केंद्रीय मंत्री अमित शाह संग बैठक के बाद देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी 30 मिनट तक मुलाकात की. फडणवीस शाम 4.30 बजे पार्टी अध्यक्ष के घर पहुंचे, वहां वे 30 मिनट रहे और ठीक शाम 5 बजे नड्डा के घर से निकल गए.शिवसेना खेमे में विद्रोह के बाद फडणवीस बेहद सक्रियज्ञात हो कि शिवसेना के इस विद्रोह को उसका आंतरिक मामला बताकर भाजपा ने इससे दूरी बना रखी है लेकिन उसके नेताओं ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि पार्टी की रणनीति ‘स्थिति पर नजर रखने’ की है. शिवसेना खेमे में विद्रोह के बाद फडणवीस बेहद सक्रिय देखे जा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर एमवीए सरकार अल्पमत में आती है तो भाजपा, शिवसेना के बागियों के साथ सरकार बना सकती है. फडणवीस ने सोमवार को मुंबई में पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं के कोर समूह की एक बैठक भी की थी.महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भाजपा जल्दबाजी में नहींशिंदे शिवसेना के जिन असंतुष्ट विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं उनमें राज्य सरकार के नौ मंत्री भी हैं, जिनके विभाग सोमवार को वापस ले लिये गये. भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर इस बार किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं करेगी क्योंकि 2019 में फडणवीस ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक धड़े के साथ मिलकर सरकार बना ली थी, लेकिन तब उन्हें दो ही दिनों में इस्तीफा देना पड़ गया था.‘आखिरी सांसें ले रही है एमवीए की सरकार’भाजपा नेताओं का मानना है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए की सरकार आखिरी सांसें ले रही है लेकिन भाजपा ‘इस बार अपने कदम फूंक-फूंक कर बढ़ाएगी.’ एमवीए सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा शामिल हैं. पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘सारी संभावनाएं तलाशने के बाद परिस्थितियां पक्ष में होंगी तभी राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया जाएगा.’शिवसेना के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहतशिवसेना के बागी विधायकों को सोमवार को उच्चतम न्यायालय से भी राहत मिली जब शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला लेने पर रोक लगा दी. इसके साथ ही अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया.(इनपुट भाषा से भी)ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Amit shah, BJP, Devendra Fadnavis, Shiv sena, Uddhav thackeray
मंबई/नई दिल्ली, एजेंसियां। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के बाद महाराष्ट्र में मची सियासी खींचतान के बीच भाजपा भी सक्रिय हो गई है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे हैं जहां उनकी पार्टी के दिग्गज नेताओं के साथ बैठक होनी है। इससे पहले मुंबई में उनकी राज्य भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हो चुकी है। वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बयानों से संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी सूबे में जारी सियासी नाटक को अब और बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है।MVA Crisis: गुवाहाटी में डेरा डाले बागी विधायकों से उद्धव ठाकरे की खास अपील, 'लौट आओ और मुझसे बात करो' यह भी पढ़ें वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बयानों से ऐसा मालूम पड़ता है कि भाजपा अब 'वेट एंट वाच' के मोड से बाहर निकल कर स्थितियों को संभालने की दिशा में बढ़ना चाहती है। हाल ही में भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने रविवार को कहा था कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी की सरकार (MVA Govt) दो से तीन दिनों की मेहमान है।यही नहीं सूबे के भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी कहा था कि वह मुंबई में फडणवीस के आधिकारिक आवास पर एक बैठक में शामिल हुए थे, जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।हालांकि मुनगंटीवार ने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी राज्य में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर 'वेट एंड वाच' का रुख बनाए हुए है। लेकिन सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (BJP leader Devendra Fadnavis) की सक्रियता से संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी अब 'वेट एंड वाच' के मोड से बाहर निकलकर सूबे में जारी उठापटक (political turmoil in Maharashtra) की स्थितियों को संभालना चाहती है।पार्टी के एक पदाधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को बताया कि फडणवीस एक दिग्गज वकील के साथ नई दिल्ली रवाना हुए थे। इससे संकेत स्पष्ट है कि भाजपा सूबे में जारी हालात के समाधान को लेकर कानूनी पहलुओं पर भी गौर कर रही है। सूत्रों की मानें तो शिवसेना के बागी धड़े के नेता एकनाथ शिंदे भी कुछ समय के लिए गुवाहाटी से प्रस्थान कर दिग्गजों से रायशुमारी कर सकते हैं।बागी विधायकों पर फिर बरसे संजय राउत, 'जहालत एक किस्म की मौत है...जाहिल लोग चलती-फिरती लाशें' यह भी पढ़ें वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ सूबे की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं। वह सोमवार को भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई की कोर कमेटी की बैठक के बाद ही दिल्ली रवाना हो गए थे। मालूम हो कि शिवसेना नेता संजय राउत ने हाल ही में भाजपा और देवेंद्र फडणवीस को मौजूदा राजनीतिक संकट से दूर रहने की हिदायत दी थी। राउत ने कहा था कि अगर वे सियासी उठापटक में शामिल होते हैं तो उनके साथ भाजपा और पीएम मोदी का नाम खराब होगा।MVA Crisis: शिंदे गुट को 12 जुलाई तक 'सुप्रीम' राहत; बागियों के मनसे में शामिल होने की चर्चा, वेट एंड वाच की नीति पर भाजपा यह भी पढ़ें जानकारों की मानें तो मामला फ्लोर टेस्ट तक भी जा सकता है। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक नहीं लगाया है। इस बीच उद्धव ठाकरे ने भी विधायकों से वापस लौट आने की अपील की है। वहीं राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि एकनाथ शिंदे का प्रस्ताव जो भी हो। उद्धव जी ने बागी विधायकों से जो अपील की है वो एक बड़े भाई की तरह की है। जो भी समस्या है घर में होनी चाहिए, अगर वो आकर उद्धव जी से बात कर सकें तो समाधान निकल सकता है। बात होना जरूरी है। हालांकि आगे क्या होगा अनिश्चित है... सुले ने कहा कि वह कोई भविष्यवक्ता नहीं हैं। Maharashtra Political Crisis: सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से भाजपा के हौसले हुए बुलंद, मुंबई पहुंच सकते हैं एकनाथ शिंदे यह भी पढ़ें उल्लेखनीय है कि सूबे के सियासी संकट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। सुप्रीम कोर्ट के रुख से उद्धव ठाकरे गुट को झटका लगा है। साथ ही बागी गुट को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 विद्रोही विधायकों को डिप्टी स्पीकर द्वारा भेजे गए अयोग्यता नोटिस का जवाब देने की समय सीमा 12 जुलाई तक बढ़ा दी है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार से विद्रोही विधायकों की जानमाल की सुरक्षा करने को कहा है। सनद रहे शीर्ष अदालत ने अभी तक फ्लोर टेस्ट कराने पर रोक नहीं लगाई है।